Financial freedom kaise paye :- हम सभी आज की हमारे कारपोरेट लाइफ से काफी परेशान है हर कंपनी की यही हालत है कि हमें रोज 14 से 15 घंटे काम करने के बाद भी हमारा काम अधूरा लगता है हर कोई यही चाहता है कि हम जल्दी से जल्दी फाइनेंशियल रिटायरमेंट कैसे लें और अपनी हॉबीज की ओर बड़े मैं राजेश लद्दाख रिटायर बाय 49 का फाउंडर और सेबी अप्रूव्ड रिसर्च एनालिस्ट आज अगले कुछ मिनट में बात करने वाला हूं आप सुन रहे हैं परफेक्ट प्लानिंग फॉर अर्ली रिटायरमेंट अभी मैं आपको बताने वाला हूं कि हम जल्दी से जल्दी किस तरह से फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस या फाइनेंशियल रिटायरमेंट ले सकते हैं |
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Kamao Aur Invest Karo !
अब एक आसान तरीके से जानते हैं कि हमारी फाइनेंशियल प्लानिंग किस तरह से होनी चाहिए हर किसी के पास हर महीने एक कैश फ्लो आता है यह कैश फ्लो अलग-अलग तरीकों से आता है जैसे उदाहरण के लिए अगर आप नौकरी कर रहे हैं तो आपकी सैलरी के रूप में आएगा अगर आप किसी और प्रोफेशन में है जैसे चार्टर्ड अकाउंटेंसी या डॉक्टर तो आपको यह कैश फ्लो हर महीने अलग तरीके से मिलेगा तो हम एक अनुमान लेकर चलते हैं कि आपकी उम्र 30 साल है और आपको हर महीने लगभग एक लाख रुपये सैलरी के रूप में मिल रहा है अब इस 1 लाख को हम किस तरह से वितरित करें तो हम इसमें से ₹100000 में से कम से कम 30% हर महीने से करेंगे बाकी का 70% के घरेलू खर्च के लिए अलॉट कर सकते हैं लेकिन आपको किसी भी हालत में काम से कम 30% की सेविंग करनी ही है
यह 30% सेविंग एक लाख के हिसाब से लगभग ₹30000 होगी हम अभी ₹30000 की सेविंग को सही तरीके से वितरित करेंगे इस सेविंग्स का कुछ हिस्सा हम इक्विटी में लगाएंगे और कुछ हिस्सा डेट में और यह डेट और इक्विटी का अनुपात जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती रहेगी वैसे-वैसे बदलता रहेगा उदाहरण के लिए अभी आपकी उम्र 30 साल है यानी कि आप 30% डेट इंस्ट्रूमेंट्स में रखेंगे और 70% इक्विटी में जब आप 35 के हो जाएंगे तो 35% डेट हो जाएगा और बाकी का बच्चा हुआ 65% इक्विटी में जाएगा 40 साल तक यह रेशों 40 और 60 का जाएगा जब एक बार आप 50 साल के हो जाते हैं तो 50% आपका डेट में और 50% इक्विटी में जाएगा इसके बाद आपको कभी डेट और इक्विटी के हिस्से को बदलने की जरूरत नहीं है इसके बाद अगले 253040 साल जिस तरह से भी आपका पोर्टफोलियो चल रहा है वह 50% इक्विटी और 50% डेट में जाएगा
Debt vs Equity !
अब हम समझते हैं की डेट और इक्विटी में क्या अंतर है सबसे पहले हम डेट के बारे में बात करते हैं सरल भाषा में कहें तो डेट हमें सभी को पता है हम सभी कभी न कभी बैंक में एचडी यानी की फिक्स डिपाजिट करने गई है या की है जब आप बैंक में जाते हैं और कहते हैं कि आपके पास एक लाख रुपए हैं और आप इसे 5 या 10 साल के लिए एचडी में रखना चाहते हैं तो बैंक आपको बताया कि वर्तमान में ब्याज दर 7% या साढे सात प्रतिशत है अगर आप 10 साल के लिए निवेश करेंगे तो आपका ₹100000 दो लाख हो जाएगा इसका मतलब है की डेट एक सरल साधन है जिसमें आप किसी भी संस्थान के पास जाएंगे वह आपसे एक निश्चित राशि लेंगे और एक निश्चित ब्याज दर देंगे जैसे 6 7 8% इससे आपका पैसा 8 से 10 साल में दुगना हो जाएगा डेट के कुछ उदाहरण है बैंक की एचडी रिकरिंग डिपॉजिट पीएफ यानी कि प्रोविडेंट फंड सक अन्य समृद्धि योजना जो खास तौर पर बालिकाओं के लिए होती है किसान विकास पत्र आदि
Debt instruments in india for retail investors
इन सभी को हम डेट इंस्ट्रूमेंट कहते हैं दूसरे प्रकार का साधन है इक्विटी इन्वेस्टमेंट आती है और लोगों को लगता है कि यह एक प्रकार का जुआ है लेकिन अगर हम शेयर बाजार में सही तरीके से निवेश करें तो यह साधन आपको सबसे अधिक रिटर्न देता है चाहे वह डेट हो रियल एस्टेट हो या गोल्ड हो इक्विटी का रिटर्न किसी भी अन्य निवेश वर्ग से अधिक होता है लिए सरल भाषा में समझते हैं कि इक्विटी क्या है भारत में मुख्यतः दो स्टॉक एक्सचेंज है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी कि बीएससी जिसे सेंसेक्स भी कहते हैं 1992 में एनसीसी की शुरुआत 100 पॉइंट से हुई थी और आज यह लगभग 21500 से ऊपर है यानी यह 210 गुना बढ़ चुका है अगर हम सही तरीके से निवेश करें तो पिछले 30 सालों में हमारा पैसा ₹210 गुना से अधिक बढ़ सकता था इक्विटी में आप टॉप कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं
जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज टीसीएस एचडीएफसी बैंक इन शहरों में निवेश करने के लिए अच्छी खासी जानकारी की जरूरत होती है इसके बजाय सरकार ने एक अल्टरनेटिव समाधान दिया है डायवर्सिफाइड इक्विटी म्युचुअल फंड्स या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के रूप में इनमें निवेश करने से हमारा इक्विटी पोर्टफोलियो काफी सुरक्षित और सुव्यवस्थित रहता है और हमें अच्छी ग्रोथ मिलती है बजाय इसके कि हम व्यक्तिगत कंपनियों में निवेश करें जहां गलतियों की संभावना ज्यादा होती है अब आपको समझ में आ गया होगा की डेट और इक्विटी क्या है डेट में एक निश्चित ता होती है और निवेश के बाद आपको एक अनुमान होता है कि आपको कितनी राशि मिलेगी लेकिन इक्विटी में ऐसा नहीं होता इक्विटी रिटर्न सामान्यत 14 से 15% कागर यानी कि कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट पर होते हैं यानी अगर आप अगले 5 साल तक इक्विटी में निवेश करते हैं तो आपका पैसा दोगुना हो जाएगा जबकि डेट में यही प्रक्रिया 10 साल लेती है लेकिन इक्विटी निवेश में आपका होराइजन लंबा होना चाहिए यानी 8, 10 15 20 साल का विजन होना चाहिए जितना लंबा आप इक्विटी में निवेश करेंगे आपका पैसा उतना अधिक बढ़ने की संभावना है तो जब भी आप इक्विटी में निवेश करने का सोचें तो कम से कम 78 साल के लिए योजना बनाएं डेट इंस्ट्रूमेंट को आप एक दो या तीन साल के लिए भी रख सकते हैं और इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि आमतौर पर डेट में नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है यदि आप एक अच्छे नेशनलाइज्ड बैंक या पोस्ट ऑफिस में निवेश कर रहे हैं
Kamaal ka Portfolio Banao !
अब तक हम समझ चुके हैं की डेट और इक्विटी क्या है अब हम आपका एक सरल पोर्टफोलियो डिजाइन करते हैं मान लेते हैं कि आपकी उम्र 30 साल है और आपकी आई एक लाख रूपए है आप हर महीने ₹30000 बचाने वाले हैं अब हम समझेंगे कि कैसे इन ₹30000 को डेट और इक्विटी में वितरित करना है जब भी आप पोर्टफोलियो डिजाइन कर रहे हो आपको क्वालिटी डायवर्सिफाइड इक्विटी म्युचुअल फंड्स या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और 3 से 4 डेट रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट लेने चाहिए
अब हम समझेंगे कि इक्विटी और डेट में किस प्रकार के इंस्ट्रूमेंट लेने चाहिए ताकि हमारा पोर्टफोलियो एक उचित वृद्धि दे पहले हम समझते हैं कि हमें कर इक्विटी डायवर्सिफाइड म्युचुअल फंड्स या इक्विटी इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता है यह चार इंस्ट्रूमेंट क्या है सबसे पहले अपने डिमैट अकाउंट में जाएं और वहां निफ़्टी बीज देखें निफ़्टी बीस भारत की नंबर वन से 50 तक की कंपनियों की सूची है जब आप निफ्टी 50 लेते तब आप सीधे निफ्टी की शीर्ष 50 कंपनियों में उनके वेज के हिसाब से निवेश कर रहे होते हैं तो अब आपकी इक्विटी का जो हिस्सा है उसका 30% यानी अगर आप ₹20000 निवेश करना चाह रहे हैं तो इक्विटी में हर महीने लगभग ₹6000 निफ्टी 20 में डालेंगे इसके बाद भारत की 51 से 100 कंपनी है यानी 51 से 100 कंपनियां जूनियर कहलाती है
आप अगला 30% यानी अगले ₹6000 जूनियर भी इस में निवेश करेंगे तीसरे सेट का निवेश mid50bees जो भारत की 101 से ढाई सौ की कंपनी को दर्शाता है इसमें आप 20000 का 30% यानी फिर से ₹6000 निवेश करेंगे अब आपकी इक्विटी का कुल ₹20000 का हिस्सा निफ्टी 20 में 6000 जूनियर 20 में 6000 और मिड mid50bees में ₹6000 में निवेश हो चुका है
अब बचा हुआ 10% आप स्मॉल कैप की कंपनी में निवेश करेंगे इस प्रकार आपका इक्विटी का पोर्टफोलियो काफी सरल तरीके से तैयार हो जाएगा हम डेट इंस्ट्रूमेंट में डालेंगे इसमें से लगभग 1500 से ₹2000 गोल्ड 20 या सावरेन गोल्ड बॉन्ड यानी कि एसजीबी में लगाएंगे सावरेन गोल्ड बॉन्ड लगभग ₹6000 प्रति यूनिट होता है और आपकी बचत के हिसाब से आमतौर पर गोल्ड को पोर्टफोलियो का लगभग 6% होना चाहिए यानी की 1700 से 18 सो रुपए हर महीने तो आप हर तीन-चार महीने के अंदर एक एसजीबी ले सकते हैं या फिर गोल्ड 20 जो की 5253 प्रति यूनिट होती है ले सकते हैं तो आपका पांचवा इंस्ट्रूमेंट होगा गोल्ड 20 इसके बाद आप एक अच्छा प्रोविडेंट फंड या सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करेंगे एक कर्मचारी के रूप में आप अपने प्रोविडेंट फंड में निवेश कर सकते हैं या फिर यदि आपके पास बेटी है तो आप सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं
Financial freedom kaise paye
अब आपके पास बचे हुए ₹8000 हैं इसमें से चार से ₹5000 आप प्रोविडेंट फंड में निवेश करेंगे इसके बाद आपके पास लगभग 25000 से 26000 रुपए का निवेश हो चुका होगा अब आपके पास बचे हुए ₹4000 हैं इनमें से ₹2000 आप किसी अच्छे लोड ड्यूरेशन डेट फंड में निवेश करेंगे और बचे हुए ₹2000 आप इमरजेंसी फंड के लिए लिक्विड फंड या मनी मार्केट फंड में निवेश करेंगे इन आर्ट इंस्ट्रूमेंट के अलावा अब आपको कोई और इंस्ट्रूमेंट की आवश्यकता नहीं है संक्षेप में इक्विटी में सबसे पहले निफ्टी 20 फिर जूनियर 20 फिर तीसरी क्रांतिकारी मिड 150 में 3030% और 10% स्मॉल कैप में निवेश करें डेट के लिए कल पोर्टफोलियो का 6 से 7% गोल्ड में और सबसे अधिक प्रोविडेंट फंड में और छोटा हिस्सा लो ड्यूरेशन फंड और इमरजेंसी फंड में रखें इन आर्ट इंस्ट्रूमेंट के अलावा आपको कोई और निवेश नहीं करना है |