Share Market Kya Hai :- हम अपने नजदीक के किसी किराना स्टोर में अपनी जरूरत का सामान खरीदने जाते हैं इस तरह से हम EQUITY में इन्वेस्टमेंट की जरूरत पूरी करने के लिए स्टॉक मार्केट में जा सकते हैं स्टॉक मार्केट का प्राइमरी काम है आपको जिस कंपनी का शेयर खरीदना हो उसे कंपनी के शेर को बेचने वाले को ढूंढना और दोनों की सहमति के प्राइस पर सोने को एग्जीक्यूट करना जिसके आवाज में स्टॉक मार्केट दोनों यानी खरीदने और बेचने वाले से एक छोटी सी फीस चार्ज करता है और यह सुनिश्चित करता है कि दोनों के अधिकार सुरक्षित रहे और सारे ट्रेड्स आसानी से हो जाए
यहां पर मैं यह बता दो कि शेयर मार्केट में शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए यानी ट्रेडिंग के लिए Buyer और Seller दोनों को रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है जिसके लिए शेयर मार्केट द्वारा अप्रूव किए गए किसी भी ब्रोकर से संपर्क कर सकता है ब्रोकर के बारे में हम आगे के चैप्टर में जानेंगे |
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Share market me exchange kya hota hai ?
भारतीय शेयर मार्केट में दो बड़े एक्सचेंज है जिन्हें हम दो बड़े शॉपिंग मॉल कितना कंसीडर कर सकते हैं एनएससी यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएससी यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर करवा के शेयर्स को उसे एक्सचेंज में ट्रेड कर सकता है मुझे पूरा यकीन है कि अब तक के चैप्टर आपको आसानी से समझ में आ गए होंगे और शेयर मार्केट और इसमें इन्वेस्टमेंट के बारे में हम आगे के चैप्टर में और गहराई से समझेंगे
आपको क्रिकेट के बारे में जानकारी जरूर होगी क्रिकेट में पहले टेस्ट मासी खेले जाते थे यानी एक मैच कर या पांच दिन चलता था टेस्ट मैच के साथ बाद में वनडे क्रिकेट आया जिसमें चार-पांच दिन के बजाय सिर्फ एक दिन में ही मैच खत्म हो जाता है उसके बाद T20 आया जिसमें सिर्फ तीन घंटा में मैच खत्म हो जाता है तो क्या जी स्टाइल से कोई प्लेयर टेस्ट मैच खेलता है उसी स्टाइल से ही वह वनडे या T20 खेल सकता है आप कहेंगे नहीं अलग-अलग गेम के लिए अलग-अलग स्टाइल से खेला जाएगा टेस्ट मैच में स्लो और T20 में तेज खेला जाएगा इस तरह से शेयर मार्केट में जब हम ट्रेडिंग करते हैं तो समय के लिहाज से हमारी ट्रेडिंग को अलग-अलग स्टाइल हो सकते हैं
Intraday trading kya hota hai ?
इंट्राडे ट्रेडिंग स्टाइल में हम सुबह मार्केट ओपन होने से बंद होने के बीच में ही ट्रेड करते हैं और वनडे क्रिकेट की तरह उसी दिन प्रॉफिट या लॉस का फैसला हो जाता है
Scalping trading kya hota hai ?
इसमें भी दो स्टाइल है पहले है स्काल्पिंग इसमें हम किसी भी शेर के प्राइस के एक छोटे से मूव को कैप्चर करते हैं और यह ट्रेड कुछ मिनट में खत्म हो जाता है इसमें दिन में हमको बहुत सारे ट्रेड के मौके मिलते हैं
इसके बाद आता है डायरेक्शनल ट्रेड इंट्राडे में इसमें हम किसी भी शेर के प्राइस में एक अच्छे मुंह को कैप्चर करते हैं जो दिन में हमें एक या दो बड़ी मौका देता है
Short term trading kya hota hai ?
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग इस स्टाइल में हम किसी शेर को खरीद के कुछ हफ्तों तक या कुछ महीनो तक भी हॉल करते हैं
Long term trading kya hota hai ?
लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग इस स्टाइल में हम किसी शेर को कुछ महीना या कुछ सालों तक हॉल करते हैं इस शैली को हम इन्वेस्टमेंट भी कह सकते हैं
RISK and Reward in stock market
अगर आप किसी भी तरह का इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं तो हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए इन्वेस्टमेंट का रिस्क रिवॉर्ड इन्वेस्टमेंट की लिक्विडिटी और इस संसार का नियम है जिस काम में रिवॉर्ड ज्यादा है या रिटर्न ज्यादा है उसमें रिस्क भी उतना ही ज्यादा है अगर किसी काम में रिस्क कम है उसका रिटर्न भी उतना ही काम होगा
एग्जांपल के तौर पर अगर हम फिक्स इनकम के प्रोडक्ट्स में इन्वेस्ट करते हैं तो वहां आपका रिस्क काफी कम होता है इसीलिए आपका रिटर्न भी ज्यादा नहीं होता अगर हम रियल स्टेट इन्वेस्टमेंट की बात करें तो इसमें इन्वेस्टमेंट के लिए हमें ज्यादा पैसे चाहिए और कम पैसों से यह काम नहीं हो सकता वही इसमें लिक्विडिटी इश्यू के कारण हम अपनी मर्जी से तुरंत इसको खरीद या बेच नहीं सकते इसमें ट्रांजैक्शन में समय लगता है
वहीं अगर हम इक्विटी इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग की बात करें तो यहां रिटर्न की कोई सीमा नहीं है सिर्फ कुछ दिनों में भी आपको बहुत अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं और यहां लिक्विडिटी भी अच्छी है
Conclusion
इसलिए ट्रेडिंग को काफी सिख के और समझ के ही करना चाहिए तो कुल मिलाकर नतीजा यह निकलता है कि हमें लाइन बनाना चाहिए कि हम अपने पैसे को कितने समय में और कैसे ग्रो करना चाहते हैं और उसके हिसाब से हमको अपनी इन्वेस्टमेंट को डायवर्सिफाई करना चाहिए यानी सारी इन्वेस्टमेंट एक जगह नहीं होना चाहिए इसमें हमारे आगे और हमारा इन्वेस्टमेंट गोल दोनों को ध्यान में रखना पड़ेगा तो अब तक हमने यह समझा कि इन्वेस्टमेंट भविष्य के अनजाने खर्चों के लिए बहुत जरूरी है हमें बहुत ध्यान से अपनी इन्वेस्टमेंट को प्लेन करना चाहिए
हमें ऐसे इंस्ट्रूमेंट में ही इन्वेस्ट या ट्रेड करना चाहिए जो हमारी पर्सनालिटी को शूट करते हैं फॉर एग्जांपल अगर हम प्रेशर पढ़ने पर घबरा जाते हैं तो हमें इंट्राडे ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए क्योंकि हमारी पर्सनालिटी को सूट न करने की वजह से इसमें हमको नुकसान हो सकता है एक अच्छी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी में सारे इंस्ट्रूमेंट का एक अच्छा मिक्स होना चाहिए जो लोंग रन में हमारे रिटर्न को सुरक्षित रखने के साथ-साथ बड़ा भी पाए |